यही तो शुरवात है अनजान होने की!! आज आप busy हो जाओ!! कल हम खों जाएंगे!! बस यादें रेह जाएंगी!! फिर number भी बदल जाएंगे!! और दोस्ती मै हम!! Out of reach हो जाएंगे!! बस यही तो शुरवात है!! आज बाते ख़तम होने की!! रूठे अब तो फिर ना मनानेकी!! हम बुलाएं और आप ना आनेकी!! है यहीं शुरुवात!! रिश्तों के टूटने की!! दोस्ती अपनी कहीं खोने की!! और मिलकर भी न मिलने की!! यहीं तो शुरुवात है!! -योगेश खजानदार
Friendship || DOSTI || AKELAPAN || POEM ||
