“वो रास्ते छोड दिये
अपने जहा बदले हैं
गैरो कि महफिल में
ना जाने क्यूँ बैठे हैंअब ना मंजिल की परवाह
ना किसका इंतजार है
इस दिल को अब
गैरो से प्यार हैवापस ना लौटेंगे कभी
वो हर पल साथ है
अपने भी ना रोके
ये दर्द पास हैफिर कैसी ये जिंदगी
जो रास्ते अनजान है
मंजिल भी मिले कभी
वो बात बेकार हैरास्तों से पुछ लेना
मेरा क्या हाल है
हर आसुओं की वजह
अपनों की याद है!!”✍️ योगेश