"कभी पंछियों से पूछना गिरना क्या होता है!! तेज हवाओं में कभी उड़ना क्या होता है!! हवा भी रोक सके ना उसे ऐसा होसला क्या होता है!! कभी पेड़ से पूछना अचल रेहाना क्या होता है!! तूफान से लड़कर भी जीना क्या होता है!! तेज धूप में जलकर भी छाव देना क्या होता है!! कभी नदी से पूछना बेहना क्या होता है!! हर एक को अपने दिल मै समाना क्या होता है!! कितनी भी आए मुश्किलें समंदर से मिलना क्या होता है!! कभी सूरज से पूछना जीवन क्या होता है!! दूसरों के लिए सदा ही जीना क्या होता है!! अपनों के ख़ुशी के लिए खुद्को जलाना क्या होता है!! कभी पूछना तुम अपने आप से सांसों का मतलब क्या होता है!!" -योगेश खजानदार *ALL RIGHTS RESERVED*