“खुदसे यु कहता यही, राह से भटके नही!! पाप को पुण्य से, परास्त होना यही!! समय के चक्र में, दौडती ये जिंदगी!! भटके रास्तों पर, मंजीले मिलती नहीं!! जिंदगी की मोड पर, बाधायें अनेक खडी!! परास्त करना मुश्किले, मंजिले मिलती वही!! खुदसे यु कहता यही, राह से भटके नही!!” -योगेश
खुदसे यु कहता यही || HINDI || POEMS ||
