क्षण || KSHAN || MARATHI POEM ||

"काही क्षण बोलतात!!
 काही क्षण अबोल असतात!!
 काही क्षण चांगले,
 तर काही क्षण वाईट असतात!!

 आपले कोण असतात!!
 परके कोण असतात!!
 क्षण जसे बदलतात!!
 नाते तसे बोलु लागतात!!
 
 काही क्षण स्वार्थी!!
 काही क्षण निस्वार्थी असतात!!
 काही क्षण जिंकतात!!
 तर काही क्षण हारुन जातात!!
 
 वेळ ही बदलतात!!
 काळ ही बदलतात!!
 क्षण जसे राहतात!!
 काही क्षण सोडून जातात!!

 प्रेम ही करतात!!
 तिरस्कार ही करतात!!
 काही क्षण बोलतात!!
 तर काही क्षण अबोल राहतात!!"

 -योगेश खजानदार

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