“सोच रहा है तु
क्या करना है
सवाल में उलझे
क्या जवाब हैजिना है बेबस
बंद जैसे कमरा है
या फिर जिना जैसे
बेफिकीर समा हैसब कुछ है यहा
क्या तु मांगता है
रेत हाथसे फिसलना
वक्त यही केहता हैक्यु सोच रहा है तु
क्या करना है …. …!!”-योगेश खजानदार
“सोच रहा है तु
क्या करना है
सवाल में उलझे
क्या जवाब हैजिना है बेबस
बंद जैसे कमरा है
या फिर जिना जैसे
बेफिकीर समा हैसब कुछ है यहा
क्या तु मांगता है
रेत हाथसे फिसलना
वक्त यही केहता हैक्यु सोच रहा है तु
क्या करना है …. …!!”-योगेश खजानदार