“सोच रहा है तु, क्या करना है? सवाल में उलझे, क्या जवाब है? जिना है बेबस, बंद जैसे कमरा है? या फिर जिना जैसे, बेफिकीर समा है? सब कुछ है यहा , क्या तु मांगता है? रेत हाथसे फिसलना, वक्त यही केहता है? क्यु सोच रहा है तु, क्या करना है ?” -योगेश
क्या सोच रहा है तु || SOCH HINDI POEM ||
