“कभी कभी तुम यूहीं,
जिंदगी से बाते किया करो!!
क्या पता पुरानी यादों मै कहीं,
अपनासा कोई मिल जाए!!
कभी यूहीं बैठे बैठे,
दिल की धुन सुना करो!!
क्या पता इस दिलमें कोई,
धुंधलासा चेहरा दिख जाए!!
यूहीं हो सके तो पढ़ना,
रूठे हुए शक्स को!!
क्या पता कहीं अनजाने में,
वोह रिश्ता ना टूट जाए!!
कभी टूटकर यूहीं,
किसिसे प्यार तुम किया करो!!
क्या पता इस दुनिया मै तुम्हे,
वोह जन्नत यही मिल जाए!!
कभी तुम यूहीं,
अपने आप को ढूंढा करो!!
क्या पता अपने आप में कहीं,
वोह तुम्हारा चेहरा दिख जाए!!
कभी कभी तुम यूहीं,
जिंदगी से बाते किया करो!!
क्या पता कब ये,
तुमसे ही ना रूठ जाए!!”
-योगेश खजानदार